कुपोषण से जंग के विरूद्ध 97 सहरिया परिवारों ने अपनाई केला की खेती


श्योपुर | राज्य सरकार के माध्यम से कुपोषण से निजात पाने की दिशा में एनआरसी केंद्र एवं अन्य संसाधनों के माध्यम से सहरिया परिवारों के कमजोर बच्चों की ग्रेड सुधारने की दिशा में अनुकरणीय पहल की जा रही है। इस पहल को जिले में आगे बढ़ाते हुए आदिवासी विकासखण्ड कराहल एवं विजयपुर क्षेत्र के सहरिया बाहूल्य ग्रामों में कुपोषण के जंग के विरूद्ध 97 सहरिया परिवारों ने केला की खेती अपनाने का बीड़ा उठाया है।
  कलेक्टर प्रतिभा पाल की पहल पर आदिवासी बाहूल्य ग्रामों में 97 हितग्राहियों की 52 एकड़ भूमि पर बड़ी तादात में केला के बगीचे लगाने की दिशा में मप्र डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से मैदानी स्तर पर तैनात कर्मचारियों द्वारा सहरिया चैपालों पर कुपोषण निदान की दिशा में अलख जगाई जा रही है। जिसमें एकता परिषद/गांधी आश्रम के पदाधिकारी तथा मैदानी कर्मचारी भरपूर सहयोग दे रहे हैं।
  जिले के ग्राम दुबड़ी के श्री तोल सिंह पुत्र श्री झमडूराम एवं मानसिंह पुत्र श्री रनसिंह तथा बमोरी के श्री कालू पुत्र हरज्ञान एवं श्री सकरा पुत्र घंसू अपने ग्राम की चैपालों पर कमजोर बच्चों को पोषित करने की दिशा में चर्चा कर रहे थे। तभी मप्र डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अमले द्वारा ग्राम भ्रमण के दौरान उनकों बताया कि कुपोषण से जंग की दिशा में श्योपुर जिले में निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में स्वास्थ्य, महिला बाल विकास एवं मप्रडे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन भरपूर सहयोग दे रहा है।
  इन दो गावों के चार सहरिया समुदाय के ग्रामीणों ने बताया कि मप्रडे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के डीपीएम श्री सोहनकृष्ण मुदगल एवं उनके साथ आए कर्मचारियों ने 97 ग्रामीण सहरिया परिवार के व्यक्तियों के यहां समझाइश देकर केला की खेती करने से बच्चों में कुपोषण से निजात दिलाने के लिए प्रेरित किया। तब श्री तोल सिंह पुत्र श्री झमरू, श्री मानसिंह पुत्र रनसिंह निवासी बमोरी, कालू पुत्र श्री तोलसिंह एवं सकरा पुत्र श्री घंसू ने 97 व्यक्तियों के साथ केला की खेती करने का मन बनाया।
  कलेक्टर प्रतिभा पाल एवं डीपीएम आजीविका मिशन श्री एसके मुदगल ने इन परिवारों के यहां केला की खेती करने की स्वीकृति प्रदान की। ग्राम पनवाड़ा में आयोजित आम के पौधा रोंपण में भी सहरिया समुदाय को सहभागी बनाया। साथ ही केला के पौधों के अलावा आम का बगीचा प्रगति की रफ्तार पकड रहा है। इसी प्रकार 97 सहरिया परिवारों के यहां 52 एकड़ भूमि में केला के बगीचे लहलहा रहे है। इन बगीचों में केला उत्तम क्वालिटी का कम समय में पैदा करने की दिशा में कदम उठाये जा रहे है। आगामी बर्ष तक केला बगीचो में फल देगे। जिनका उपयोग कुपोषण से निजात दिलाने में पौष्टिक आहार के रूप में किया जावेगा। जिससे कुपोषण के विरूद्ध जंग में केला के पौधा फल देने में सहारा बनेगे।