कांग्रेस छोड़ने वाले अधर में, भाजपा की सदस्यता नहीं ली


ग्वालियर। कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ने का ऐलान करने वाले कांग्रेसियों का भविष्य अभी अधर में लटक गया हैं। अभी तक इन कांग्रेसियों ने जिले में भाजपा की सदस्यता ग्रहण नहीं की है और न ही भाजपा की ओर से इनकी सदस्यता ग्रहण करने के लिए कोई पहल की गई है, जिससे जिले के 400 से भी अधिक कांग्रेसी अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं।
ज्ञांतव्य है कि कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा राज्य की कमलनाथ सरकार के विरोध में प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिये जाने और भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के उपरांत राज्य में राजनैतिक संकट गहरा गया है। इसी बीच ग्वालियर जिले में ही सिंधिया के समर्थन में 400 से भी अधिक प्रमुख कांग्रेसियों ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया हैं। इस्तीफा देने वाले प्रमुख नेताओं में पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल, रामवरण सिंह गुर्जर, मदन कुशवाह से लेकर सुनील शर्मा, श्याम सिंह चैहान, किशन मुदगल, नवीन परांडे, बाल खाण्डे, गुडडू वारसी, गौरव भौंसले, रामसुंदर रामू, महिला कांग्रेस अध्यक्ष कमलेश कौरव, अलका श्रीवास्तव आदि शामिल हैं।
इस्तीफा देने वाले इन नेताओं ने अपनी वफादारी सिंधिया के प्रति जताने के लिए स्वयं इस्तीफा तो दे दिया है। लेकिन सिंधिया की तरह भाजपा की सदस्यता ग्रहण नहीं की है। जिस कारण अब यह नेता किसी भी दल के सदस्य नहीं रह गये हैं और न ही इन नेताओं ने भाजपा से संपर्क स्थापित किया है। जबकि इन्हें ग्वालियर में जिला भाजपा कार्यालय मुखर्जी भवन में जाकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण करना चाहिए थी। हालांकि भाजपा जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा ने कांग्रेस छोड़ने वाले इन नेताओं के लिये भाजपा का सदस्यता पत्रक भी इश्यू करा लिया हैं, ताकि यह कार्यालय आकर कभी भी सदस्यता ग्रहण कर सकें। लेकिन सूत्रों का कहना है कि जिंदगी भर कांग्रेसी रहे यह नेता अब भाजपा में आने से हिचक रहे हैं। जबकि कई कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यदि जरूरी हुआ तो हम अपने नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समक्ष ही भाजपा की सदस्यता लेंगे।