6 विशिष्ट योगों में मनेगी चैत्र नवरात्रि


ग्वालियर। शक्ति की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि इस दफा 25 मार्च से शुरु हो रहा है। 2 अप्रैल को रामनवमी के साथ समाप्त होने वाले नवरात्रि महोत्सव में इस दफा छह विशिष्ट सिद्धयोग बन रहे हैं। ऐसे में नवरात्र का महत्व बढ़ जाता है। इन योगों में देवी की आराधना सिद्धयोगों में पूजा विशेष फलदायी तो होगी ही से मिलेगा पण्य मनोकामना पूर्ण करने वाली भी होगी। धार्मिक एवं पौराणिक मान्यता के अनुसार नवरात्रि में शक्ति स्वरुपा मां दुर्गा एवं उसके नौ रुपों की पूजा आराधना का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इन दिनों में माता की आराधना करने से समस्त कष्टों का नाश होता है। विपदाओं से मुक्ति मिलती है और सुख समृद्धि व सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस वर्ष वासंतीय या चैत्र नवरात्र 25 मार्च को चैत्र शक्ल प्रतिपदा से शरु हो रहे है और 2 अप्रेल को रामनवमी पर समाप्त होंगे। चैत्र नवरात्र में ऋतु परिवर्तन होता है और गर्मी के मौसम की शुरुआत होती है। ऋतुओं के मिलन से इसका महत्व बढ़ जाता है। इसी वजह से इन दिनों में उपवास का महत्व है जो शरीर की शुद्धि के लिए जरुरी है। 
चैत्र नवरात्र में पड़ेंगे शुभ योग
इस बार चैत्र नवरात्र में चार सर्वार्थ सिद्धि योग, एक अमृत सिद्धि योग व एक रवियोग बन रहा है। 26 एवं 27 मार्च को द्वितीय एवं तृतीय पर, 30 मार्च को छठी पर 31 मार्च सप्तमी पर सवार्थ सिद्धि योग हैं। जबकि 29 को पंचमी पर रवि योग एवं 30 मार्च को अमृत सिद्धि योग है। नवरात्र में विशिष्ट योगों का बहुत महत्व है। इनमें देवी की आराधना विशेष फलदायी होगी।